शिवपुरी। मध्य प्रदेश शासन की लैपटॉप योजना के तहत मिलने वाली राशि में हुई एक प्रशासनिक चूक के चलते शिवपुरी की एक होनहार छात्रा अपने हक से वंचित हो गई। मामला छात्रा मुस्कान कुशवाह का है, जिसने 12वीं की परीक्षा शिक्षा भारती बाल निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से 83.2 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी और शासन की योजना के तहत उसे 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलनी थी। लेकिन जब राशि जारी हुई, तो छात्रा के शिवपुरी के केनरा बैंक के खाते में भेजे जाने की बजाय गलती से यह राशि बिहार स्थित किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

छात्रा ने शिक्षा विभाग को दिया आवेदन

इस त्रुटि को लेकर छात्रा ने कई बार शिक्षा विभाग में आवेदन प्रस्तुत किए. प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोर्ट रोड द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र क्रमांक 1356, दिनांक 9 अप्रैल 2025 को इस संबंध में जानकारी भी भेजी गई। जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया कि छात्रा की राशि गलत खाते में चली गई और इसे सही खाते में ट्रांसफर किया जाना चाहिए।

कलेक्टर से लगाई गुहार

तीन महीने बीतने के बाद भी अब तक न तो राशि छात्रा को प्राप्त हुई और न ही किसी अधिकारी ने इस विषय में कोई कार्रवाई थक-हारकर छात्रा मुस्कान कुशवाह ने अब जनसुनवाई में कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।मुस्कान का कहना है कि वह पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन संसाधनों के अभाव में कठिनाई हो रही है। शासन की इस योजना से उसे पढ़ाई के लिए मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण वह आज भी उस राशि से वंचित है।

गलती से बिहार ट्रांसफर हुई राशि

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि अंक त्रुटि बस छात्रा की प्रोत्साहन राशि अन्य किसी खाते में चली गई है। विभाग द्वारा मुक्त बैंक और उसके खाताधारक से संपर्क कर राशि वापस कराई जाएगी। यदि इस प्रक्रिया में कोई भी परेशानी आती है तो सायबर सेल सेल में शिकायत दर्ज करा कर जल्द ही छात्र की प्रोत्साहन राशि उसे वापस दिलाई जाएगी।

हमारी उचित सुनवाई नहीं हुई

मुस्कान के पिता नवल किशोर कुशवाह ने बताया कि अप्रैल माह में अन्य बच्चों की प्रोत्साहन राशि आ गई थी लेकिन उसकी बेटी की राशि उसके खाते में नहीं आई थी। इसके बाद में विद्यालय से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काटे लेकिन उनसे कुछ दिन बाद राशि आने की बात कही गई बाद में जब राशि नहीं आई। तब इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की थी, लेकिन उचित सुनवाई नहीं हुई।