विधायक जी भी साइबर ठगी के शिकार, फॉर्च्यूनर का झांसा देकर 1.27 लाख उड़ाए

आधुनिकता के इस दौर में साइबर फ्रॉड एक जटिल समस्या बनती जा रही है. इसने आम से लेकर खास हर किसी को अपना शिकार बना लिया है. हाल ही में साइबर ठगों ने झारखंड की राजधानी रांची के डीसी आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के नाम पर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर आम लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज ठगी की कोशिश की थी.
अभी यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था. इसी बीच साइबर ठागों ने बेहद ही अजीबो गरीब ढंग से राज्य की पांकी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता को अपना शिकार बना लिया. पहले कुशवाहा शशि भूषण मेहता को गाड़ी की नीलामी में भाग लेने का झांसा देते हुए ठगों ने खुद को जीएसटी कस्टम अधिकारी बताया. फिर ठगों ने विधायक से कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के मालदा में कई गाड़ियां जब्त की हैं.
ठगों ने बीजेपी विधायक को ऐसा ठगा
साइबर ठगों ने विधायक से कहा कि इन जब्त गाड़ियों की निलामी की जा रही है. रितेश नाम के एक साइबर ठग ने विधायक को व्हाट्सएप पर गाड़ियों की तस्वीर भी भेजी. इसमें एक फॉर्च्यूनर गाड़ी की कीमत 12.70 लाख रुपये बताई. इसी फॉर्च्यूनर गाड़ी को नीलामी में देने के बहाने ठगों ने विधायक से गाड़ी का 10 फीसदी यानी 1.27 लाख रुपया भुगतान करवा लिया. यही नहीं ठगों ने विधायक को भुगतान की फर्जी रशीद भी भेजी.
साइबर फ्रॉड की ये घटना बनी चर्चा का विषय
इसके बाद से लगातार ठगों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ आने लगा. विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने तीन ठगों के खिलाफ साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. विधायक ने अपने निजी सहायक के माध्यम से 1.27 लाख रुपये का भुगतान कराया था. बीजेपी विधायक के साथ साइबर फ्रॉड की घटना प्रकाश में आते ही चर्चा का विषय बन गई है.
रांची साइबर थाना पुलिस ने एक ठग पकड़ा
वहीं दूसरी तरफ राजधानी रांची की साइबर थाना की पुलिस ने यूट्यूब पर विज्ञापन के बहाने इन्वेस्टमेंट के नाम पर 23.95 लाख रुपयों की ठगी करने वाले उत्तर प्रदेश के लखनऊ के साइबर फ्रॉड विजय प्रकाश को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार साइबर ठग यूट्यूब पर विज्ञापन के जरिए लोगों को प्रलोभन देकर ठगी करता था.
बताया जा रहा है कि इन्वेस्टमेंट से जुड़े फर्जी विज्ञापन पर क्लिक करते ही एक व्हाट्सएप ग्रुप में लोग जुड़ जाते थे और फिर बेहतर मुनाफे का झांसा देकर उसने ठग लाखों की ठगी किया करता था. गिरफ्तार ठग के खिलाफ झारखंड समेत देश के 10 से ज्यादा राज्यों में कुल 38 मामले दर्ज हैं.